जब पहुंचे पचपन में याद बहुत आया तब अपना बीता नायाब मदमस्त जमाना। जब पहुंचे पचपन में याद बहुत आया तब अपना बीता नायाब मदमस्त जमाना।
मर्द यह जान गए हैं कि औरतों के बाज़ार जाने से उनका मूड ठीक रहता है.... मर्द यह जान गए हैं कि औरतों के बाज़ार जाने से उनका मूड ठीक रहता है....
फिर क्या था,घर में शहनाई बजी,श्रीधर और गुन्जा का ब्याह हो गया। फिर क्या था,घर में शहनाई बजी,श्रीधर और गुन्जा का ब्याह हो गया।
आते-जाते रास्तों पर मिलते थे वो मिलना भी क्या नजरों से मिलती थी नजर। आते-जाते रास्तों पर मिलते थे वो मिलना भी क्या नजरों से मिलती थी नजर।
मन भावन पहेलियां घर परिवार का परमेश्वर पुरस्कार खजाना। मन भावन पहेलियां घर परिवार का परमेश्वर पुरस्कार खजाना।
उम्र शरीर की होती है जनाब, मन कहाँ सोलह और पचपन के फेर में पड़ता है। उम्र शरीर की होती है जनाब, मन कहाँ सोलह और पचपन के फेर में पड़ता है।